Friday, March 15, 2013

Mere nanhe farishte

तुम्हें न देखा न स्पर्श किया,
नाही सुना है अब तक 
पर  तुम कितने खास बन गए हो ,
तुम्हारे आने की जब से हुई है दस्तक !

तुम्हारे आने का इन्तजार है अब 
तुम्हे पाने को बेकरार है सब 
जुड़ गए है तुमसे  अनेको रिश्ते 
मेरी दुवाये तुमको मेरे नन्हे फ़रिश्ते!

तुम कभी हिचकी कभी किकिंग से 
कराते हो अहसास अपना 
तभी तुम लगते हो हकीकत ,
नहीं हो कोई सपना !!

जब से पता चला है 
एक नवजीवन पल रहा है .
जुड़ गए है तुमसे मेरे इमोशंस 
तुमने करा दिया है मेरा भी प्रमोशन !!

पूनम अग्रवाल ......

6 comments:

शिवनाथ कुमार said...

हर माँ के लिए एक सुन्दर अहसास
शुभकामनाएँ !

mxrady said...

Awesome

Nitesh Goyal

mxrady said...

Awesome

Nitesh Goyal

Vinay said...

नव संवत्सर की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ!!

vijay kumar sappatti said...

बहुत सुन्दर कविता पूनम .
एक माँ का सपना .
सुन्दर अहसास .
बधाई

Koyel said...

Nice post. follow by blog general knowledge