तुम्हें न देखा न स्पर्श किया,
नाही सुना है अब तक
पर तुम कितने खास बन गए हो ,
तुम्हारे आने की जब से हुई है दस्तक !
तुम्हारे आने का इन्तजार है अब
तुम्हे पाने को बेकरार है सब
जुड़ गए है तुमसे अनेको रिश्ते
मेरी दुवाये तुमको मेरे नन्हे फ़रिश्ते!
तुम कभी हिचकी कभी किकिंग से
कराते हो अहसास अपना
तभी तुम लगते हो हकीकत ,
नहीं हो कोई सपना !!
जब से पता चला है
एक नवजीवन पल रहा है .
जुड़ गए है तुमसे मेरे इमोशंस
तुमने करा दिया है मेरा भी प्रमोशन !!
पूनम अग्रवाल ......
6 comments:
हर माँ के लिए एक सुन्दर अहसास
शुभकामनाएँ !
Awesome
Nitesh Goyal
Awesome
Nitesh Goyal
नव संवत्सर की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ!!
बहुत सुन्दर कविता पूनम .
एक माँ का सपना .
सुन्दर अहसास .
बधाई
Nice post. follow by blog general knowledge
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