ट्रेन के डस्टबिन के पास
मैले -कुचेले फटेहाल
वस्त्रों से अपना तन ढकती ,
गोद में स्केलेटन सा
बिलखता बच्चा थामे ,
डालती है अपना हाथ
डस्टबिन में वो ।
कचरे के बीच
बचे -खुचे खाने से भरी
एक थाली
ले आती है चमक
उसकी आँखों में।
इसपर भी चखती
अपनी उंगली से
बची-खुची दही-रायता।
फ़िर भरती है
बिनी हुई कटोरियों में
वोही झूठन ....
शायद घर पर
बीमार बूढी माँ
के लिए है वो सब ।
रोते बच्चे को
सूखे स्तन से
लगाती है जबरन ।
बटोरकर आशा
ट्रेन से
उतर जाती है
अगले पड़ाव पर ।
वाह रे भारत देश !
भारत की ये भारती !
पूनम अग्रवाल ......
मैले -कुचेले फटेहाल
वस्त्रों से अपना तन ढकती ,
गोद में स्केलेटन सा
बिलखता बच्चा थामे ,
डालती है अपना हाथ
डस्टबिन में वो ।
कचरे के बीच
बचे -खुचे खाने से भरी
एक थाली
ले आती है चमक
उसकी आँखों में।
इसपर भी चखती
अपनी उंगली से
बची-खुची दही-रायता।
फ़िर भरती है
बिनी हुई कटोरियों में
वोही झूठन ....
शायद घर पर
बीमार बूढी माँ
के लिए है वो सब ।
रोते बच्चे को
सूखे स्तन से
लगाती है जबरन ।
बटोरकर आशा
ट्रेन से
उतर जाती है
अगले पड़ाव पर ।
वाह रे भारत देश !
भारत की ये भारती !
पूनम अग्रवाल ......
62 comments:
एक सचा चित्र भारत का यह भी है, बहुत सुंदर चित्र खींचा आप ने इस कविता के रुप मै.
धन्यवाद
hakikat ko kavita ka roop aapne khoob diya hai..
lekin it happened in all countries..
no only in India.. so i dont agree with last lines.
शानदार अभिव्यक्ति।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
ek sachchi tasveer in shabdo ne jhalka diya ,bahut khoob likha hai .
यही तो दुःख है आज का......... जो आपने ने प्रस्तुत किया वो भारत का चेहरा है....... और India में तो कईयों के pet full कैलोरी का खाना खाते है......
पूनमजी ,
भारत की असली तस्वीर अIपने खींची है बहुत सरल सहज कविता के माध्यम से ...बहुत गहरे तक दिल को छू गयी आपकी ये कविता .
हेमंत कुमार
jab bhi kabhi man udaas hota hain ya koi kaam nahi hota hain ,lagta hain main bahiut jyada presha hu
tab main ek hi song sunta hu
duniya main kitna gam hain ,mera gam kitna kam hain
logo ka gam dekha to main apna gam bhul chala
main sochta hun,un desbasiyo k baare main jinhe,ek bakt ka bhi khana naseeb nahi hota hain,main sochta hu ,un desbasiyo ke baare main,jo apne tan ko pura sahi nahi dhak sakte hain,srd hawaon main
main sochta hun ,un desbasiyo ke baare main ,jinhe jeene ki tammna hain,par uske pet ki bhuk,bina vastro k tan is samaaj se use alag kar deti hain
bahut sajeev kavita likhi hain aapne poonam ji
वाह रे भारत देश !
भारत की ये भारती !
हृदय को तार तार करती कविता.
ऐसी अभिव्यक्ति और शव्दसामर्थ के लिये बहुत बहुत धन्यवाद.
पूनमजी,
आपकी इस कविता ने चिंतन के तल पर झकझोरा है. आपकी लेखनी से जो चित्र उभरा है, उसे असंख्य लोगों ने देखा होगा, लेकिन भारती की इस दशा-मनोदशा को आपने शब्द दिए. सरल-सहज प्रवाह और शब्दों में यह रचना मर्म तक पहुँचती है ! इस करुण शब्द-चित्र के लिए बधाई देना प्रीतिकर नहीं लगता.
आपका मेरे ब्लॉग पर आना भी बहुत दिनों से नहीं हुआ न ?
jeevan yatharath ko apne bahut hi sahaj dhang se apni kavita ne piroya hai..aise vishe aaj ki kavaita me nadaard nahi to bhut kam dekhne ko milte hain....dr.amarjeet kaunke
www.amarjeetkaunke.blogspot.com
आपकी सम्वेदना को नमन
.
अभिव्यक्ति भी कमाल की है.
saarthak rachnaa
sachche alfaaz
ek prativimb
ek tamaachaa
waah re Bharat desh...
Bharat ki ye aarti....
sach kehne ke iss hausle par abhivaadan svikaareiN.
---MUFLIS---
kavita aur blog dono achcha laga bas lekhan jaari rakhiye..........
सुन्दर टैम्पलेट के लिये बधाई.
पूनम जी ..आपकी संवेदना लाजवाब है ...लेकिन यह लोग ऐसे ही रहना पसंद करते है ...काम नहीं करना चाहते ..वर्ना स्टेशन के आस पास किसी दूकान या होटल में झाडू पोचा से लेकर बर्तन माजने का काम कर स्वाभिमान और इज्जत की दो रोटी तो खा ही सकते है ....
mera bharat mhaan.....boht touching kavita...
Nice read
amazing poem ji , waah kya khoob likha hai , man ko choo gayi hai aapki rachna ...ye desh ab banana country ban gaya hai ... lekin kya kare . apna desh hai ..
aabhar
vijay
pls read my new poem "झील" on my poem blog " http://poemsofvijay.blogspot.com
bahut hi khoobsurat vichar hai aapke...
kavita me shbdo ka utar achcha laga
jay ho.
bahut hi khoobsurat vichar hai aapke...
kavita me shbdo ka utar achcha laga
jay ho.
बहुत नज़दीकी का अहसास उभरता है-
एक सवाल जानना चाहता हूँ मैं,
ऐसा क्या है हमारे आसपास जिसपर बोलने के लिये और लिखने के लिये हमें बने - बनाये ढाँचों से बाहर जाकर शब्द तलाशने पड़ते हैं?
mera bharat mahaan.
आज़ादी की 62वीं सालगिरह की हार्दिक शुभकामनाएं। इस सुअवसर पर मेरे ब्लोग की प्रथम वर्षगांठ है। आप लोगों के प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष मिले सहयोग एवं प्रोत्साहन के लिए मैं आपकी आभारी हूं। प्रथम वर्षगांठ पर मेरे ब्लोग पर पधार मुझे कृतार्थ करें। शुभ कामनाओं के साथ-
रचना गौड़ ‘भारती’
उत्तम रचना के लिए साधुवाद
तेज धूप का सफ़र
वाह रे भारत देश !
भारत की ये भारती !
मार्मिक रचना के लिए बधाई।
very nice poem ..a truth...
badhiya aur samvedansheel......!!
Poonam ji,
Apakee yah ytharthvadee kavitaa dil ko gaharai tak chhoo gayee....bharat kee asalee tasveer...
Poonam
Very true expression of real India.You realised it and reminded aswell.
My heartly congratulations.
Dr.Bhoopendra
मै सोच रहा था अब तक नई कविता यहाँ आ गई होगी !!! क्या बात है कवि को इतना आलसी नही होना चाहिये । वैसे मै भी थोड़ा तो हूँ ही । इस कविता मे आखरी पंक्ति मे कुछ फेर बदल हो सकता है क्या ? -शरद कोकास दुर्ग छ.ग.
अच्छी प्रस्तुति....बहुत बहुत बधाई...
मगर यह भारत की सच्ची तस्वीर है,मै इससे सहमत नहीं.....
Sach kaa aaina hai aapki rachnaa.
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
wah re bharat desh ,bharat ke ye bharati .kya baat kahi man ko chhoo gayi .ek rota such ,ek kadahata such .is rachana se ek khabar dhayan me taza ho gayi kuchh din pahale ek hotel me sansado ke rukne ka bil 1-crore 75 lakhs rupees aaya jo sarkari khate me gaya .is asamanta par aapki aakhri line jahan me aa gayi .janta ki kurshi aur janta fatehal ...
Wow! Got my hands on your blog today only and believe me it inspired me a lot be a blogger myself, which I'm gonna do soon..
The given poetry reminds me of the vivid picture of the songs >> Another Day in Paradise - by Phil Collins..
Let's see if write something as well by getting inspired from this poem..
achchha hai poonam ji| samvedan ke star par ek achchhi rachana ke liye badhaai|
hey dear.....u r too good with the usage of words !!
really loved goin thru ur poems n rantings.....surely i'll come again n again at ur blog.....
I was pretty concerned that whether we r having ny good Hindi poets n writers or not but ma dear u've removed all ma doubts.....
U r too good !!
bahut khub...
भारत का एक कटु सत्य। कविता जी उठी आत्मा में संताप बन कर। बहुत बहुत बधाई।
:-)
Touching .. indeed ...!
RC
पूनम जी
भूख की शिद्दत बदल देती है फितरत सब्र की
''वरना मैं और उडके आता एक दाने के लिये''
शाहिद मिर्ज़ा शाहिद
its amazing one !!!beautifully written
aap hai kanha in dino...... ?
apane hee blog se ye kaisee narazee....... ?
bahut sundar!
great lines
vision is upto grass root level
उम्दा रचना.
आज के दौर में हमें ऐसी ही रचनाओं की आवश्यकता है जो हमें बदलाव के लिए प्रेरित करें.
जब तक देश का हर नागरिक बुनियादी सुविधाएं नहीं प्राप्त कर लेता और गरिमा के साथ जीवन नहीं जी पाता, तब तक भारत की 'महानता' पर गर्व करना निरर्थक है.
सवाल यह नहीं ये होरहा है, यह तो आज़ादी के ६० साल से गाया जारहा है, प्रश्न है --कौन जिम्मेदार है????????? उस पर कविता लिखी जाय--समाधान पूर्ण।
बहुत ही अच्छा !
great lines
बहुत सुंदर, यथार्थ चित्रण
कभी अजनबी सी, कभी जानी पहचानी सी, जिंदगी रोज मिलती है क़तरा-क़तरा…
http://qatraqatra.yatishjain.com/
hindustan ka ye chitra dikakar apne hamen jagane ka kam kiya ...
ham itne andhe ho gaye hain ki apne aram aur apne darbe se nikal kar soch hi nahi pate
apna hindustan kaise aisa ho sakta hai/ hamare rahte hue/...
bahut hi marmik rachna.
वास्तविकता का बोध कराती एक सुंदर रचना . आपने तो अर्श से फर्श पर पटका दिया !
ye drishya behad bhabhuk kardeta hai
aur kavita ke roop me aap ne sachhai ko bayan kiya hai
पूनम जी आपकी संवेदना ने प्रभावित किया।
सालो पुराना सच आज भी छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में यथावत। क्या ये लोग मनमोहनी व्यवस्था में किसी पायदान पर पहुंचेंगे भी।
एक सवाल सार्वजनिक.....क्या हम खुद चाहे छोटी सी पहल करने में सक्षम लोग....क्या कुछ करने के लिए खुद पहल करेंगे। या पहल करने वालों का साथ देंगें। नहीं न....
Poonam ji ,.aapka blog to behad khubsoorat hai kavi ki kalpana ki tarah.
Man ko sparsh karney wali kavita hetu mera aabhar ,dhanyavad,best wishes.
Regards,
dr.bhoopendra
दिल को झकझोर देने वाली अभिव्यक्ति...
बहुत ही मार्मिक कविता है........लिखते रहिये.....
nice one ....keep it up
I enjoyed to read this blog. It's great stuff. Each and every day your blog having some different topic.
BEAUTIFUL POST WITH DEEP FEEELINGS AND EMOTIONS AND SO BEAUTIFUL PAINTING.
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