Sunday, July 25, 2010

शार्टकट...


मैं मलिन नदी ,


शकुंतला की अठखेलियों को


करीब से देखा है मैंने ,


'भारत' ने जिससे पाया


अपना नाम उस भरत को


स्पर्श किया है मैंने ।


तब वेग था मेरे मन में ,


धैर्य था मेरे तन में ।


समय बीता -


आज में त्रस्त हूँ ,


तन मन से ध्वस्त हूँ।


सूख गया है तन मेरा,


टूट गया है मन मेरा ।


मेरे उस और बसे


लोग आज भी


इस और आते है ।


रोंद कर सभी मुझे


निकल जाते है ।


उनके लिए मैं कुछ भी नहीं ,


सिर्फ एक "शोर्ट कट " हूँ ।


पूनम अग्रवाल ...