बाहों में हो फूल सदा ,
ये जरूरी तो नही ।
काँटों का दर्द भी ,
कभी तो सहना होगा।
राहों में छाव हो सदा,
ये जरूरी तो नहीं।
धुप की चुभन में,
कभी तो रहना होगा ।
हंसी खिलती रहे सदा ,
ये जरूरी तो नहीं।
पलकों पर जमे अश्को को,
कभी तो बहना होगा।
हर पल रहे खुशनुमा सदा,
ये जरूरी तो नहीं,
थम सी गयी है जिन्दगी,
कभी तो कहना होगा।
पूनम अग्रवाल.......
42 comments:
पूनम जी ,
आपकी कविता में जीवन का जो नजरिया पेश किया गया है
वो एक सकारात्मक जीवन दर्शन है.हमें जीवन में सुख ,दुःख ,
हर हल में अपने को खुश रखना चाहिए .अच्छी रचना के लिए शुभकामनायें .
हेमंत कुमार
बहुत सुंदर विचार, एक सुंदर कविता.
धन्यवाद
आपके शब्द वैचारिक मंथन के लिए प्रेरित करते हैं । भाव और विचार की अच्छी प्रस्तुति तथा भाषा की जनपक्षधरता आपके लेखन को प्रखरता प्रदान कर रहे हैं । अच्छा लिखा है आपने ।
मैने अपने ब्लाग पर एक लेख लिखा है-आत्मविश्वास के सहारे जीतें जिंदगी की जंग-समय हो तो इसे पढ़ें और कमेंट भी दें-
http://www.ashokvichar.blogspot.com
aapne bahut hi sundar kavita likhi hai.
bahut sundar kavita hai..poonam ji
Great one.. just loved it
I'm one more ur fan.. keep it up
हर पल रहे खुशनुमा सदा,
ये जरूरी तो नहीं,
थम सी गयी है जिन्दगी,
कभी तो कहना होगा।
बहुत खूब लिखा आपने, बधाई.
कभी मेरे ब्लॉग शब्द-शिखर पर भी आयें !!
man ko chho lene wali rachana.
bahut badiya.
Poonam ji,
Hansi khilati rahe sada yah jaruri to nahi.
Ek line pash hai...
Meri khushiyon ki mala me
Hai kitane hi gam ke phool.
Bahut gahri aur jeevan ke gahare bahov ko vyakt karati kavita.
Regards
थमने न दें. जिंदगी के साथ पोस्ट्स की भी निरंतरता बनाये रखें. शुभकामनाएं.
सुंदर भावाभिव्यक्ति...
बहुत सच लिखा है..
बहुत अच्छा , क्या बात है?
हर पल रहे खुशनुमा सदा,
ये जरूरी तो नहीं,
थम सी गयी है जिन्दगी,
कभी तो कहना होगा।
बहुत खूब
Jeevan ki sachchaiye aur anubhav in kavitaaon me jhalakti hai..
Sumat Jain
बेहतरीन रचना, बधाई.
अच्छी रचनाएं और आपकी पैंटिंग भी देख आया हूँ उनमें भी कई कविताएं हैं।
सुंदर कविता !
आपकी कविता ऐसी है जैसे हर किसी के लिए लिखी गयी हो. मैं आपकी लेखनी का कद्रदान हूँ.
बहुत सुंदर बढ़िया कविता लिखी है आपने
thank you so much for coming on my blog . you liked it, i m thankful to you ... i like poems as well and what u have written is amazing .. touching .... i share name with you as my nick name is poonam .. so Poonam ji .. duniya ko itni khoobsurat kavita dene ke liye shukriya ....
नमस्ते. आपकी इतनी सारी blog/post देखके मैं घबरा गया था. फ़िर मैं एक एक कर के देखने लगा. और आपको जानने लगा. एकं मानिये आपको पड़ना बहोत ही खुस्नावर था. बहोत अच्छा लगा आपके blogs पर आके.
मैं कभी कभी हिन्दी में भी लिखता हूँ. वैसे मेरी हिन्दी उतनी अच्छी नही है, लेकिन मेरा कौशिश रहता है के मैं ठीक ठाक लिखूं...
अगर आप मेरे blog पर कभी आ सके और मेरे कवितायेँ देख सके तो मुझे बहोत अच्छा लगेगा... आपकी हर टिपण्णी ध्यान से पडूंगा और कौशिश करूँगा मेरे आने वाले लेखों में इस्तेमाल करूँ...
मेरा blog का link: Thus Wrote Tan! ...
बहुत सुंदर विचार,
सुंदर कविता !!!!!!!!!!
थम-सी गई है जिंदगी ,
कभी तो कहना होगा ....
वाह ! जीवन-दर्शन को नई परिभाषा देती हुई
शानदार कविता . . . . .
शब्द-शब्द ख़ुद गुनगुनाता हुआ महसूस होता है . . . .
बधाई......
---मुफलिस---
bilkul sahi kaha aapne.. yadi dono cheeze naa ho to jeevan ka maza hi kho jayega.. khushi ko to hm tab hi mahsus kar sakte hai jab hamne dukh ko jana ho.. bahut badhiya likha hai aapne..
बहुत सुंदर रचना है्।
हंसी खिलती रहे सदा,
ये जरूरी तो नहीं।
पलकों पर जमे अश्कों को,
कभ तो बहना होगा।
वाह!
bahut sahi kaha aapne.....jindagi ki in do pahluo ke bagair jindagi jine ka maja hi kahan.........aur aapne ese bahut hi sundar tareeke se pesh kiya hai.
hmm kuch baat hai ..
-tarun
आप इतना सुन्दर लिखें और हम कुछ भी न कहें ये जरुरी तो नहीं ,
अति सुन्दर लिखा है आपने
बधाई स्वीकार करें
जिदंगी के दोनो पहलू को बडे सुन्दर तरीके सजाया है अपनी रचना में। बहुत उम्दा।
बहुत सुन्दर रचना.
"राहों में छाव हो सदा,
ये जरूरी तो नहीं।
धूप की चुभन में,
कभी तो रहना होगा ."
पढ़
कर
मुझे अपना भी एक शेर याद आया.
सुनाने की इजाज़त लिए बिमना ही सुनाने की गुस्ताखी कर रहा हूँ.
"चले हो घर से तो फिर धूप से भी जूझना होगा
सफर मेँ हर जगह सुन्दर-घने बरगद नहीं होते"
सादर
द्विजेन्द्र द्विज
behad khubsurat rachna...
बाहों में हो फूल सदा ,ये जरूरी तो नही । काँटों का दर्द भी ,कभी तो सहना होगा
bahut khub...
बहुत खूब । जिंदगी का सच कहती हुई कविता ।
मन को मोरा झकझोरे छेड़े है कोई राग
रंग अल्हड़ लेकर आयो रे फिर से फाग
...
हिंदी ब्लोगेर्स को होली की शुभकामनाएं और साथ में होली और हास्य
धन्यवाद.
bahut sahi kaha aapne..
होली की हार्दिक शुभकामनायें
jindgi ka kadwaa ghoont
kabhi to peena hogaa
saayaa ho chahe jo
jeenaa bhi hogaa
raahon ke mukaam
utarenge chadhenge
aur hinge baidhange
muskaraa ke hamko
chalnaa hoga
sunder rachna. badhai
लगातार लिखते रहने के लिए शुभकामनाएं
सुन्दर रचना के लिए बधाई
भावों की अभिव्यक्ति मन को सुकुन पहुंचाती है।
लिखते रहिए लिखने वालों की मंज़िल यही है ।
कविता,गज़ल और शेर के लिए मेरे ब्लोग पर स्वागत है ।
http://www.rachanabharti.blogspot.com
कहानी,लघुकथा एंव लेखों के लिए मेरे दूसरे ब्लोग् पर स्वागत है
http://www.swapnil98.blogspot.com
रेखा चित्र एंव आर्ट के लिए देखें
http://chitrasansar.blogspot.com
कांटे ही दामन थाम कर,
फ़ूलों का पता देते हैं;
उन्हॆंक्यों दोष दें फ़िर हम।-- एक त्रिपदा अगीत
पूनम जी,
आपकी हर कविता बहुत अछी लगी | आपकी हर कविता ऐसी है जैसे चुम्बक लोहे हो अपनी तरफ खीच लेता है | आप बहुत सुंदर लिखते हो |
नरेंदर आजाद
bohut khoob! Arz kiyaa hai..
tamanna hai to zindaa hai, warnaa hum yahaan kyaa hai..
taDpaa hai to dhaDkaa hai, dil mein ab rahaa kyaa hai..
- kaunquest!
Post a Comment