Friday, January 30, 2009

जिन्दगी


बाहों में हो फूल सदा ,

ये जरूरी तो नही ।

काँटों का दर्द भी ,

कभी तो सहना होगा।

राहों में छाव हो सदा,

ये जरूरी तो नहीं।

धुप की चुभन में,

कभी तो रहना होगा ।

हंसी खिलती रहे सदा ,

ये जरूरी तो नहीं।

पलकों पर जमे अश्को को,

कभी तो बहना होगा।

हर पल रहे खुशनुमा सदा,

ये जरूरी तो नहीं,

थम सी गयी है जिन्दगी,

कभी तो कहना होगा।

पूनम अग्रवाल.......

42 comments:

डा0 हेमंत कुमार ♠ Dr Hemant Kumar said...

पूनम जी ,
आपकी कविता में जीवन का जो नजरिया पेश किया गया है
वो एक सकारात्मक जीवन दर्शन है.हमें जीवन में सुख ,दुःख ,
हर हल में अपने को खुश रखना चाहिए .अच्छी रचना के लिए शुभकामनायें .
हेमंत कुमार

राज भाटिय़ा said...

बहुत सुंदर विचार, एक सुंदर कविता.
धन्यवाद

Dr. Ashok Kumar Mishra said...

आपके शब्द वैचारिक मंथन के लिए प्रेरित करते हैं । भाव और विचार की अच्छी प्रस्तुति तथा भाषा की जनपक्षधरता आपके लेखन को प्रखरता प्रदान कर रहे हैं । अच्छा लिखा है आपने ।

मैने अपने ब्लाग पर एक लेख लिखा है-आत्मविश्वास के सहारे जीतें जिंदगी की जंग-समय हो तो इसे पढ़ें और कमेंट भी दें-

http://www.ashokvichar.blogspot.com

Ashutosh said...

aapne bahut hi sundar kavita likhi hai.

Alpana Verma said...

bahut sundar kavita hai..poonam ji

Anonymous said...

Great one.. just loved it

Anonymous said...

I'm one more ur fan.. keep it up

Akanksha Yadav said...

हर पल रहे खुशनुमा सदा,

ये जरूरी तो नहीं,

थम सी गयी है जिन्दगी,

कभी तो कहना होगा।
बहुत खूब लिखा आपने, बधाई.
कभी मेरे ब्लॉग शब्द-शिखर पर भी आयें !!

shivraj gujar said...

man ko chho lene wali rachana.
bahut badiya.

Dev said...

Poonam ji,
Hansi khilati rahe sada yah jaruri to nahi.

Ek line pash hai...
Meri khushiyon ki mala me
Hai kitane hi gam ke phool.

Bahut gahri aur jeevan ke gahare bahov ko vyakt karati kavita.

Regards

अभिषेक मिश्र said...

थमने न दें. जिंदगी के साथ पोस्ट्स की भी निरंतरता बनाये रखें. शुभकामनाएं.

अजित वडनेरकर said...

सुंदर भावाभिव्यक्ति...

Tapashwani Kumar Anand said...

बहुत सच लिखा है..

के सी said...

बहुत अच्छा , क्या बात है?

प्रदीप मानोरिया said...

हर पल रहे खुशनुमा सदा,

ये जरूरी तो नहीं,

थम सी गयी है जिन्दगी,

कभी तो कहना होगा।
बहुत खूब

Anonymous said...

Jeevan ki sachchaiye aur anubhav in kavitaaon me jhalakti hai..

Sumat Jain

Udan Tashtari said...

बेहतरीन रचना, बधाई.

Prakash Badal said...

अच्छी रचनाएं और आपकी पैंटिंग भी देख आया हूँ उनमें भी कई कविताएं हैं।

अभिषेक आर्जव said...

सुंदर कविता !

दिल दुखता है... said...

आपकी कविता ऐसी है जैसे हर किसी के लिए लिखी गयी हो. मैं आपकी लेखनी का कद्रदान हूँ.

रंजू भाटिया said...

बहुत सुंदर बढ़िया कविता लिखी है आपने

Shubhali said...

thank you so much for coming on my blog . you liked it, i m thankful to you ... i like poems as well and what u have written is amazing .. touching .... i share name with you as my nick name is poonam .. so Poonam ji .. duniya ko itni khoobsurat kavita dene ke liye shukriya ....

Tan said...

नमस्ते. आपकी इतनी सारी blog/post देखके मैं घबरा गया था. फ़िर मैं एक एक कर के देखने लगा. और आपको जानने लगा. एकं मानिये आपको पड़ना बहोत ही खुस्नावर था. बहोत अच्छा लगा आपके blogs पर आके.

मैं कभी कभी हिन्दी में भी लिखता हूँ. वैसे मेरी हिन्दी उतनी अच्छी नही है, लेकिन मेरा कौशिश रहता है के मैं ठीक ठाक लिखूं...

अगर आप मेरे blog पर कभी आ सके और मेरे कवितायेँ देख सके तो मुझे बहोत अच्छा लगेगा... आपकी हर टिपण्णी ध्यान से पडूंगा और कौशिश करूँगा मेरे आने वाले लेखों में इस्तेमाल करूँ...

मेरा blog का link: Thus Wrote Tan! ...

purnima said...

बहुत सुंदर विचार,
सुंदर कविता !!!!!!!!!!

daanish said...

थम-सी गई है जिंदगी ,
कभी तो कहना होगा ....

वाह ! जीवन-दर्शन को नई परिभाषा देती हुई
शानदार कविता . . . . .
शब्द-शब्द ख़ुद गुनगुनाता हुआ महसूस होता है . . . .
बधाई......
---मुफलिस---

SAHITYIKA said...

bilkul sahi kaha aapne.. yadi dono cheeze naa ho to jeevan ka maza hi kho jayega.. khushi ko to hm tab hi mahsus kar sakte hai jab hamne dukh ko jana ho.. bahut badhiya likha hai aapne..

महावीर said...

बहुत सुंदर रचना है्।
हंसी खिलती रहे सदा,
ये जरूरी तो नहीं।
पलकों पर जमे अश्कों को,
कभ तो बहना होगा।
वाह!

Arvind Gaurav said...

bahut sahi kaha aapne.....jindagi ki in do pahluo ke bagair jindagi jine ka maja hi kahan.........aur aapne ese bahut hi sundar tareeke se pesh kiya hai.

tarun said...

hmm kuch baat hai ..
-tarun

अभिन्न said...

आप इतना सुन्दर लिखें और हम कुछ भी न कहें ये जरुरी तो नहीं ,
अति सुन्दर लिखा है आपने
बधाई स्वीकार करें

सुशील छौक्कर said...

जिदंगी के दोनो पहलू को बडे सुन्दर तरीके सजाया है अपनी रचना में। बहुत उम्दा।

द्विजेन्द्र ‘द्विज’ said...

बहुत सुन्दर रचना.
"राहों में छाव हो सदा,
ये जरूरी तो नहीं।
धूप की चुभन में,
कभी तो रहना होगा ."
पढ़
कर


मुझे अपना भी एक शेर याद आया.
सुनाने की इजाज़त लिए बिमना ही सुनाने की गुस्ताखी कर रहा हूँ.


"चले हो घर से तो फिर धूप से भी जूझना होगा

सफर मेँ हर जगह सुन्दर-घने बरगद नहीं होते"


सादर

द्विजेन्द्र द्विज

ilesh said...

behad khubsurat rachna...

बाहों में हो फूल सदा ,ये जरूरी तो नही । काँटों का दर्द भी ,कभी तो सहना होगा

bahut khub...

Asha Joglekar said...

बहुत खूब । जिंदगी का सच कहती हुई कविता ।

Sulabh Jaiswal "सुलभ" said...

मन को मोरा झकझोरे छेड़े है कोई राग
रंग अल्हड़ लेकर आयो रे फिर से फाग
...
हिंदी ब्लोगेर्स को होली की शुभकामनाएं और साथ में होली और हास्य
धन्यवाद.

SAHITYIKA said...

bahut sahi kaha aapne..
होली की हार्दिक शुभकामनायें

Anonymous said...

jindgi ka kadwaa ghoont
kabhi to peena hogaa

saayaa ho chahe jo
jeenaa bhi hogaa

raahon ke mukaam
utarenge chadhenge
aur hinge baidhange
muskaraa ke hamko
chalnaa hoga

Yogesh Verma Swapn said...

sunder rachna. badhai

रचना गौड़ ’भारती’ said...

लगातार लिखते रहने के लि‌ए शुभकामना‌एं
सुन्दर रचना के लि‌ए बधा‌ई
भावों की अभिव्यक्ति मन को सुकुन पहुंचाती है।
लिखते रहि‌ए लिखने वालों की मंज़िल यही है ।
कविता,गज़ल और शेर के लि‌ए मेरे ब्लोग पर स्वागत है ।
http://www.rachanabharti.blogspot.com
कहानी,लघुकथा एंव लेखों के लि‌ए मेरे दूसरे ब्लोग् पर स्वागत है
http://www.swapnil98.blogspot.com
रेखा चित्र एंव आर्ट के लि‌ए देखें
http://chitrasansar.blogspot.com

shyam gupta said...

कांटे ही दामन थाम कर,
फ़ूलों का पता देते हैं;
उन्हॆंक्यों दोष दें फ़िर हम।-- एक त्रिपदा अगीत

Himachal Pradesh said...

पूनम जी,
आपकी हर कविता बहुत अछी लगी | आपकी हर कविता ऐसी है जैसे चुम्बक लोहे हो अपनी तरफ खीच लेता है | आप बहुत सुंदर लिखते हो |
नरेंदर आजाद

Kaunquest said...

bohut khoob! Arz kiyaa hai..

tamanna hai to zindaa hai, warnaa hum yahaan kyaa hai..
taDpaa hai to dhaDkaa hai, dil mein ab rahaa kyaa hai..

- kaunquest!